Friday, November 12, 2010

कहाँ है राज ठाकरे.इस बार छठ पर्व को मुंबई में नहीं रोकेंगे?

मराठी मानुस राज ठाकरे कहाँ है ? आप सुधि पाठकों से अनुरोध है. की राज ठाकरे को खोज कर, उन्हें बताये की बिहारी लोग इस बार भी, मुंबई में छठ पर्व मनारहे हैं .

क्या
वे पिछले साल की कसम भूल गए,जिसमे उन्होंने कहा था,अब बिहारियों को छठ नहीं मानाने देंगे. इस बार क्या हुआ, इस मराठी मानुस को.पहले अपनी मराठी सरकार को गंगा जल से शुद्ध करे, गंगा जल मैं उन्हें भेज दूंगा. मराठी मानुस के राज्य में इतना बार शर्मनाक घोटाला हुआ.जिसमे मराठी मानुस ने सेना के शहीद जवानों का आशियाना, अपने मराठी मानुस रिश्तेदारो में बांटे. अब राज जैसे लोगों की प्रशंगता ख़त्म हो गयी है. उनका मराठी मानुस मुख्यमंत्री कफ़न चोर कहलाने लगा है

और अब महारास्ट्र के नए मुख्यमंत्री को मराठी मानुस का पाठ पढ़ा रहे है.अब ठाकरे कहते हैं, पृथ्वी राज चौहान तो उत्तर भारत में काम किये है। लेकिन उनका जन्म महारास्ट्र में ही हुआ है। लेकिन वे मुंबई को बम्बई कहते है. उन्हें मराठी में शपथ लेना चाहिये था। न की हिंदी में । उन्हें मुंबई-मुंबई की माला जपनी चाहिये ।


अब इस बेहूदगी का क्या जबाब है? मुझे तो लगता है ,मुंबई वालों को बाथरूम भी,राज ठाकरे से पूछ कर जाना चाहिये। की हे मराठी मानुस संडास लगा है। जाऊ क्या ?...........

Monday, August 23, 2010

15 साल बनाम 5 साल.. हमारा भविष्य हमारे हाथ में है .

अगले कुछ महीनो में बिहार बिधानसभा का चुनाव होने वाला हैये चुनाव हम सभी बिहारीयों की तकदीर तय करने वाला है.अब सवाल जाति की नहीं हैचुनाव में सिर्फ - और -सिर्फ विकाश का मुद्दा है.हम ये नहीं कहते, की वर्तमान सरकार ने बिहार को पूरी तरह विकसित कर दिया है.अभी तो शुरुआत हुई हैआगे अभी बहुत काम बाकी है. जैसा की कुछ लोगो का कहना है , की अपेक्षित विकास नहीं हुआ है, लेकिन यहाँ बात १५ साल सरकार चलाने वाले और वर्तमान सरकार को चलाने वाले की तुलना करने की हैअगर हम बिहारियों ने सही जगह वोट डाला तो हमें एक काम करने वाली सरकार मिलेगी , अन्यथा फिर वही अँधेरा छा जायेगा , जो १५ साल पहले हुआ करता थाहमें जाति को तोरना होगा,और एक ही जात को अपनाना होगा,जिस जात का नाम है "बिहारी" यहाँ ध्यान से सोचने की जरुरत है की वर्तमान सरकार को विरासत में कुछ भी नहीं मिला था.उसके वावजूद सरकार के प्रयासों से बिहार कुछ पग चल रहा है.हमें इसे दौराना होगाऔर ये तभी दौरेगा जब हम बिहारी अपने वोट के ताकत रूपी इंधन इसमें डालेंगे...

Thursday, December 3, 2009

एक अनपढ़ बिहारी की चिठ्ठी राज ठाकरे के नाम

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे एक बार फिर हिन्दी के पीछे पर गया है .मुझे समझ में नही आता की उस मराठी अमानुष को हिन्दी की मिर्ची क्यों लगती है.मैं यहाँ देश और राज्यों की संविधान प्रदत अधिकार की बात नही लाना चाहता हूँ .क्योंकि ये आंकरे पेश करना माहिर लोगो का का है. मैं ठहरा अनपढ़ बिहारी .लेकिन इतना जरुर कहना चाहूँगा, की ठाकरे [दोनों ठाकरे ] को बिहार आना चाहिए .उन्हें इतनी तो शर्म आनी चाहिए, की जिस हिन्दी को वो अधिकारिक भाषा कहते है. दरअसल वो हर भारतीय अपनी माँ की कोख से ही सीख़ कर आता है........... की अमानुषों की बातो से .ठाकरे दोनों चाचा भतीजा को बिहार आना चाहिये .और आके देखना चाहिये की बिहार में चाचा भतीजा कैसे रहते है ?जो आदमी अपने परिवार का नही हुआ वो मराठी मानुषों का क्या होगा ?एक कहावत है बिहार में .........................की एक कुत्ता भी अपने घर में शेर होता है.पाठक समझ सकते हैं की मैं क्या कह रहा हूँ ?लेकिन वो ठठेरे {ठाकरे एंड कंपनी } नही समझ सकते क्योंकि उन्हें हिन्दी नहीं आती होगी ना .........................................



Monday, September 28, 2009

धोनी के शेर गये तेल लेने

सेक्स की सलाह पर अमल कर रहे हैं धोनी के शेर ,इस लिए रात भर जागते रहे और पाक के साथ हनीमून मन्नाने लगे.और आज ऑस्ट्रेलिया के साथ सुहाग रात मनाएंगे ................



टीम के गेंदबाजों के असरहीन प्रदर्शन से कप्तान धोनी खासे निराश हैं और हो सकता है कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आरपी सिंह की जगह प्रवीण कुमार को मैदान पर उतार सकता है। इसके अलावा ईशांत शर्मा, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह को भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी होगी। वीरेंद्र सेहवाग और युवराज सिंह की अनुपस्थिति में टीम के पास पांचवें गेंदबाज की कमी की भरपाई करने के लिए भी सीमित विकल्प हैं। यहां युसूफ पठान और सुरेश रैना जैसे कुछ विकल्प ही भारत के पास उपलब्ध हैं।

Wednesday, August 27, 2008

अब बेगुसराय पुलिस (बिहार) भी ब्लॉग पर

बेगुसराय के पुलिस कप्तान श्री अमित लोढा के सराहनीय कदम की प्रशंसा करनी होगी , जिन्होंने बेगुसराय पुलिस को जनता के निकट लाने लाने के लिए ब्लॉग को माध्यम बनाया है.अब जनता सही रूप से पुलिस के मित्रवत सम्पर्क में आयगी । इस ब्लॉग में कोई भी व्यक्ति सीधा बेगुसराय पुलिस के सम्पर्क में आ सकती है.साथ ही साथ जनता भी पुलिस को ज्यादा से ज्यादा अपराध सम्बन्धी सुचना पहुचायगी।

बेगुसराय पुलिस का ब्लॉग का पता है। http://begusaraipolice.blogspot.com

बिहार में बाढ़ से लाखों लोग बेघर, 48 मरे

पटना/पूर्णिया/सहरसा/मधेपुरा/ कटिहार/समस्तीपुर। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण कोसी नदी के और उग्र रूप धारण कर लेने के कारण बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति अत्यंत भयावह हो गई है और सैकड़ों गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। बाढ़ के इस प्रकोप के चलते तीस लाख लोग बेघर हो गए हैं। वहीं राज्य में बाढ़ से हुई तबाही में आधिकारिक तौर पर अब तक 48 लोग मारे जा चुके हैं और कई लापता हैं।

इस बीच केंद्र ने बिहार में बाढ़ के भीषण कहर की स्थिति से निपटने के लिए तत्काल राहत के रूप में 50 लाख क्विंटल गेंहू और 50 लाख क्विंटल चावल भेजने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी वीरवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाएंगे।

राज्य के उत्तरी हिस्से में कोसी और बूढी गंडक सहित सभी प्रमुख नदियों में उफान के कारण पिछले एक सप्ताह से बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। कोसी नदी रौद्र रूप धारण कर पश्चिम से पूर्व की ओर 120 किलोमीटर खिसक गई है। यह 13 किलोमीटर की चौड़ाई में लगभग 100 किलोमीटर तक तेज गति से तबाही मचाते हुए बह रही है। इस क्षेत्र के 417 गांव के करीब 40 लाख लोग इस भयानक आपदा की चपेट में हैं।

इसके अलावा गंगा एवं गंडक नदियों के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि के चलते उत्तार बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है और लाखों की आबादी इसकी चपेट में है। सेना के तीन हेलीकाप्टरों की सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रतिदिन भोजन के पैकेट समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं को गिराया जा रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना की सौ जवानों वाली एक टुकड़ी दस मोटरबोट के साथ मधेपुरा के लिए रवाना हो गई है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार राज्य की पांच प्रमुख नदी कोसी, गंगा, पुनपुन, घाघरा और बूढी गंडक खतरे के लाल निशान से ऊपर है। इसके अलावा बागमती, महानंदा और कुछ अन्य नदियों के जलस्तर में कल तक वृद्धि होने की संभावना है। आयोग के अनुसार गंगा पटना के गांधी घाट में 60, हाथीदह में 61, कहलगांव में 84, साहेबगंज में 127 और फरक्का में 123, पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में 68, घाघरा दरौली में 16, गंगपुर सिसवन में 70, बूढी गंडक खगडिया में 117 और कोसी नदी कुरसेला में खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर है।

राज्य में बाढ़ से अब तक नौका दुर्घटना एवं अन्य घटनाओं में सुपौल में नौ, मधेपुरा में 23, भागलपुर में छह, पश्चिम चंपारण के बगहा में चार, पूर्णिया और समस्तीपुर में तीन-तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी में उफान के कारण जिले के नौ प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जिले के प्रतापगंज, वंसतपुर, छातापुर, वेनीगंज, राघोपुर समेत नौ प्रखंड के 91 पंचायतों के 294 गांव प्रभावित है। जिले की करीब साढे़ नौ लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच सुपौल के जिलाधिकारी एन सरवन कुमार ने आज कहा कि नेपाल प्रभाग में जारी वर्षा के कारण कोसी के जलस्तर में बढ़़ोतरी हो रही है।

मधेपुरा से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले के मधेपुरा सदर, ग्वालपाड़ा, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, उदाकिशनगंज, बिहारीगंज समेत ग्यारह प्रखंड के करीब पंद्रह लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के मोहनपुर पंचायत में आज राहत साम्रगी लेने की होड़ में एक युवक की मौत हो गई। जिले में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई। वहीं उदाकिशनगंज प्रखंड के थाराबुधवा गांव में नहर काटने को लेकर ग्रामीणों में बीच संघर्ष में चार लोग घायल हो गए। मधेपुरा समाहरणालय समेत अन्य मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट पानी तक पानी जमा है।

पूर्णिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण धमदाहा-पूर्णिया पथ पर अवस्थित लिबरी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे इस पुल के धवस्त होने का खतरा पैदा हो गया है। मधेपुरा से लगे जिले के पश्चिमी भाग में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है जिसके कारण रूपौली, भवानीपुर, बड़हरा, धमदाहा प्रखंड के 35 से अधिक गांव चपेट में आ गए हैं। वहीं बनमनखी अनुमंडल के पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

कटिहार से रिपोर्ट के अनुसार नेपाल क्षेत्र से कोसी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने और टूटे हुए कोसी तटबंध के दरार के करीब तीन किलोमीटर तक बढ़ जाने के कारण जिले में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाके में बाढ़ आने की संभावना बन गई है। जिलाधिकारी देवोत्ताम वर्मा ने बताया कि कुरसेला, बरारी, समेली तथा फलका प्रखंड क्षेत्र में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाकों के गांव के लोगों को बाढ़ आने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर ऊंची एवं सुरक्षित जगह पर चले जाने को कहा गया है।

स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अपने पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से साधारण वर्षा होने की संभावना है।

उधर, राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त प्रत्यय अमृत ने आज यहां बताया कि नेपाल भाग में कुसहा गांव के पास कोसी के पूर्वी तटबंध के दो किलोमीटर लंबाई में टूट जाने से प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। उन्होंने बताया कि इन बाढ पीडि़त इलाकों में फंसे लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने में पिछले छह दिनों से लगे भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

अमृत ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल, सैप के जवान, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस कोर्स और जिला पुलिस के सैकड़ों जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लाखों लोगों को निकाल कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि कोसी नदी द्वारा अपनी धारा बदल लेने से आई बाढ़ में करीब 30 लाख लोग फंसे हुए हैं और इस बाढ़ से उत्पन्न प्रलयंकारी स्थिति से निपटना तथा फंसे हुए लोगों को बाहर निकालना सरकार की प्रथम प्राथमिकता है।

Tuesday, August 26, 2008

सामाजिक नेटवर्किंग का माध्यम बन रही आईटी

सूचना क्षेत्र में क्रांति के बाद आईटी अब सामाजिक नेटवर्किंग का सशक्त माध्यम बन रही है। इसके द्वारा न सिर्फ समाज को तेजी से जोड़ने का काम हो रहा है बल्कि दुनिया की सबसे महाशक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारी उलटफेर हो रहा है। यह कहना है कि विश्व भारती शांति निकेतन कम्प्यूटर सेंटर के पूर्व अध्यक्ष व कार्यक्रम पदाधिकारी एसएन ओझा का। गणित विभाग में सेमिनार में भाग लेने पहुंचे कम्प्यूटर विशेषज्ञ श्री ओझा ने एक बातचीत में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस तकनीक की अहम भूमिका सामने आयी है। माइकल ओबामा के हिलेरी क्लिंटन से आगे निकलने के पीछे इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी में ताजा शोध के तहत वेब-2.0 विधि सामाजिक जुड़ाव की दृष्टि से धमाल मचा रहा है। एक व्यक्ति कम्प्यूटर के जरिये अपने 10 समर्थकों से फिर वह अन्य 10-10 से सम्पर्क बनाकर जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश में भी इसका इस्तेमाल कर विकास योजनाओं को जमीन पर उतारा जा सकता है। जागरूकता अभियान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व आईटी के क्षेत्र में विकास की धारा बही है। राजनीतिक प्रश्रय भी शुरू हो गया है। राजनीतिज्ञ कम्प्यूटर का ज्ञान लेने को इच्छुक दिख रहे हैं। हालांकि, आधारभूत संरचना एवं प्रोजेक्ट नहीं होने से गति तेज नहीं है।

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