बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जब से मंत्रिमंडल मे फेरबदल किया है ,तब् से जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई है वो लोग आपा खोबैठे है.और नीतिश पर ही हमला किए जा रहे हैं जो कहीं से तर्क संगत नही है. ये वो लोग है जो अभी भी बिहार की पुरानी सरकार के मानसिकता से ग्रस्त हैं। पल भर मे ही ये भूल गए की कितनी कुर्बानी और मेहनत की वज़ह से उनकी सरकार बनी है . लोगों ने बरे ही विश्वास के साथ नीतिश सरकार को जनाधार दिया था. और लोगों के विश्वास पर सरकार खरी भी उतर रही है. बिहार मे बरे पैमाने पर विकाश कार्य चल रहे है। लेकिन मंत्रियों के आचरण से सरकार की जनता के बीच किरकिरी हो रही है.मोनाजिर हसन जैसे लोगों से पूछा जाना चाहिए की उनकी ,पिछली पृष्ट भूमि क्या रही है। नेता अपने स्वार्थ की खातिर जन भावनाओं का अनादर कर रहे हैं.जिश विकाश और समृधि का सपना सरकार के मुखिया ने देखा था, उस पर ये पलीता लगाने पर तुले है।अगले चुनाव मे अभी ढाई साल बचे हैं.लेकिन ये कौन सा मुंह लेकर जनता के पास जायेंगे.असल मे इनलोगों को राज्य के विकाश की चिंता नही है। ये बस अपना विकाश चाहते है।अगर इसी तरह ये सब चलता रहा तो राज्य के विकाश का सपना जो लोगों ने देखा है, वो सपना ही ना रह जाय ।