महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे एक बार फिर हिन्दी के पीछे पर गया है .मुझे समझ में नही आता की उस मराठी अमानुष को हिन्दी की मिर्ची क्यों लगती है.मैं यहाँ देश और राज्यों की संविधान प्रदत अधिकार की बात नही लाना चाहता हूँ .क्योंकि ये आंकरे पेश करना माहिर लोगो का काम है. मैं ठहरा अनपढ़ बिहारी .लेकिन इतना जरुर कहना चाहूँगा, की ठाकरे [दोनों ठाकरे ] को बिहार आना चाहिए .उन्हें इतनी तो शर्म आनी चाहिए, की जिस हिन्दी को वो अधिकारिक भाषा कहते है. दरअसल वो हर भारतीय अपनी माँ की कोख से ही सीख़ कर आता है...........न की अमानुषों की बातो से .ठाकरे दोनों चाचा भतीजा को बिहार आना चाहिये .और आके देखना चाहिये की बिहार में चाचा भतीजा कैसे रहते है ?जो आदमी अपने परिवार का नही हुआ वो मराठी मानुषों का क्या होगा ?एक कहावत है बिहार में .........................की एक कुत्ता भी अपने घर में शेर होता है.पाठक समझ सकते हैं की मैं क्या कह रहा हूँ ?लेकिन वो ठठेरे {ठाकरे एंड कंपनी } नही समझ सकते क्योंकि उन्हें हिन्दी नहीं आती होगी ना .........................................
Thursday, December 3, 2009
Monday, September 28, 2009
धोनी के शेर गये तेल लेने
सेक्स की सलाह पर अमल कर रहे हैं धोनी के शेर ,इस लिए रात भर जागते रहे और पाक के साथ हनीमून मन्नाने लगे.और आज ऑस्ट्रेलिया के साथ सुहाग रात मनाएंगे ................
टीम के गेंदबाजों के असरहीन प्रदर्शन से कप्तान धोनी खासे निराश हैं और हो सकता है कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आरपी सिंह की जगह प्रवीण कुमार को मैदान पर उतार सकता है। इसके अलावा ईशांत शर्मा, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह को भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी होगी। वीरेंद्र सेहवाग और युवराज सिंह की अनुपस्थिति में टीम के पास पांचवें गेंदबाज की कमी की भरपाई करने के लिए भी सीमित विकल्प हैं। यहां युसूफ पठान और सुरेश रैना जैसे कुछ विकल्प ही भारत के पास उपलब्ध हैं।
टीम के गेंदबाजों के असरहीन प्रदर्शन से कप्तान धोनी खासे निराश हैं और हो सकता है कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आरपी सिंह की जगह प्रवीण कुमार को मैदान पर उतार सकता है। इसके अलावा ईशांत शर्मा, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह को भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी होगी। वीरेंद्र सेहवाग और युवराज सिंह की अनुपस्थिति में टीम के पास पांचवें गेंदबाज की कमी की भरपाई करने के लिए भी सीमित विकल्प हैं। यहां युसूफ पठान और सुरेश रैना जैसे कुछ विकल्प ही भारत के पास उपलब्ध हैं।
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