Monday, August 25, 2008

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर


बिहार में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सुपौल, मधेपुरा और अररिया जिलों में स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है तथा राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है वहीं सेना के जवान हेलिकाप्टरों के माध्यम से पीड़ितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं।

मधेपुरा से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण जिले के तेरह में से 11 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिले के मधेपुरा सदर, ग्वालपाडा, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, उदाकिशनगंज, बिहारीगंज, चौसा, आलमनगर, उरैनी और सिहेंश्वर प्रखंड की लगभग 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है। बाढ़ के कारण हजारों एकड़ में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए पूरे जिले में 30 राहत शिविर खोले हैं जहां पीड़ितों को भोजन के साथ अन्य आवश्यक सामान मुहैया कराए जा रहे हैं। इसके अलावा पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 28 नाव भी लगाई गई हैं। हेलिकाप्टरों की सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रतिदिन भोजन के पैकेट गिराए जा रहे है।

रिपोर्ट के अनुसार सहरसा और मधेपुरा को छोड़कर सभी मार्गो पर ट्रेन यातायात बाधित है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 106 और 107 पर कई स्थानों पर पानी आ जाने के कारण आवागमन ठप्प हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को अनिश्चित काल के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। विशेष जिलाधिकारी ए.के. चौधरी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

अररिया से प्राप्त रिपार्ट के अनुसार कोसी नदी में उफान से जिले के भरगमा, नरपतगंज और रानीगंज प्रखंड के करीब 80 गांव प्रभावित हैं और बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। बाढ़ के कारण कई एकड़ में लगी लाखों रुपये मूल्य की फसल नष्ट हो गई है और लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन कर गए है।

राज्य के गन्ना मंत्री नीतीश मिश्रा स्वयं अररिया में रहकर राहत एवं बचाव कार्य की देखरेख कर रहे हैं। इस बीच लापरवाही के आरोप में जिला प्रशासन ने नरपतगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक तिवारी को निलंबित कर दिया है। सिकरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश रंजन को नरपत गंज का अतिरिक्त प्रभाव सौंपा है।

रिपोर्ट के अनुसार भरगामा प्रखंड के सेबरबनी, शंकरपुर, जयनगर, शेखपुरा समेत कअी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सेना और सशस्त्र सीमा बल के जवान प्रभावितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। पीड़ितों की सहायता के लिए भरगामा में पांच और नरपत में दो राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां से पीड़ितों को खाद्यान एवं जरूरी सामानों की आपूर्ति की जा रही है।

बाढ़ से अब तक नौका दुर्घटना तथा अन्य घटनाओं में भागलपुर में छह, मधेपुरा में दस, पूर्णिया में तीन, पश्चिम चंपारण के बगहा में चार और समस्तीपुर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

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