Wednesday, August 27, 2008

अब बेगुसराय पुलिस (बिहार) भी ब्लॉग पर

बेगुसराय के पुलिस कप्तान श्री अमित लोढा के सराहनीय कदम की प्रशंसा करनी होगी , जिन्होंने बेगुसराय पुलिस को जनता के निकट लाने लाने के लिए ब्लॉग को माध्यम बनाया है.अब जनता सही रूप से पुलिस के मित्रवत सम्पर्क में आयगी । इस ब्लॉग में कोई भी व्यक्ति सीधा बेगुसराय पुलिस के सम्पर्क में आ सकती है.साथ ही साथ जनता भी पुलिस को ज्यादा से ज्यादा अपराध सम्बन्धी सुचना पहुचायगी।

बेगुसराय पुलिस का ब्लॉग का पता है। http://begusaraipolice.blogspot.com

बिहार में बाढ़ से लाखों लोग बेघर, 48 मरे

पटना/पूर्णिया/सहरसा/मधेपुरा/ कटिहार/समस्तीपुर। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण कोसी नदी के और उग्र रूप धारण कर लेने के कारण बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति अत्यंत भयावह हो गई है और सैकड़ों गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। बाढ़ के इस प्रकोप के चलते तीस लाख लोग बेघर हो गए हैं। वहीं राज्य में बाढ़ से हुई तबाही में आधिकारिक तौर पर अब तक 48 लोग मारे जा चुके हैं और कई लापता हैं।

इस बीच केंद्र ने बिहार में बाढ़ के भीषण कहर की स्थिति से निपटने के लिए तत्काल राहत के रूप में 50 लाख क्विंटल गेंहू और 50 लाख क्विंटल चावल भेजने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी वीरवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाएंगे।

राज्य के उत्तरी हिस्से में कोसी और बूढी गंडक सहित सभी प्रमुख नदियों में उफान के कारण पिछले एक सप्ताह से बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। कोसी नदी रौद्र रूप धारण कर पश्चिम से पूर्व की ओर 120 किलोमीटर खिसक गई है। यह 13 किलोमीटर की चौड़ाई में लगभग 100 किलोमीटर तक तेज गति से तबाही मचाते हुए बह रही है। इस क्षेत्र के 417 गांव के करीब 40 लाख लोग इस भयानक आपदा की चपेट में हैं।

इसके अलावा गंगा एवं गंडक नदियों के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि के चलते उत्तार बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है और लाखों की आबादी इसकी चपेट में है। सेना के तीन हेलीकाप्टरों की सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रतिदिन भोजन के पैकेट समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं को गिराया जा रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना की सौ जवानों वाली एक टुकड़ी दस मोटरबोट के साथ मधेपुरा के लिए रवाना हो गई है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार राज्य की पांच प्रमुख नदी कोसी, गंगा, पुनपुन, घाघरा और बूढी गंडक खतरे के लाल निशान से ऊपर है। इसके अलावा बागमती, महानंदा और कुछ अन्य नदियों के जलस्तर में कल तक वृद्धि होने की संभावना है। आयोग के अनुसार गंगा पटना के गांधी घाट में 60, हाथीदह में 61, कहलगांव में 84, साहेबगंज में 127 और फरक्का में 123, पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में 68, घाघरा दरौली में 16, गंगपुर सिसवन में 70, बूढी गंडक खगडिया में 117 और कोसी नदी कुरसेला में खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर है।

राज्य में बाढ़ से अब तक नौका दुर्घटना एवं अन्य घटनाओं में सुपौल में नौ, मधेपुरा में 23, भागलपुर में छह, पश्चिम चंपारण के बगहा में चार, पूर्णिया और समस्तीपुर में तीन-तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी में उफान के कारण जिले के नौ प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जिले के प्रतापगंज, वंसतपुर, छातापुर, वेनीगंज, राघोपुर समेत नौ प्रखंड के 91 पंचायतों के 294 गांव प्रभावित है। जिले की करीब साढे़ नौ लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच सुपौल के जिलाधिकारी एन सरवन कुमार ने आज कहा कि नेपाल प्रभाग में जारी वर्षा के कारण कोसी के जलस्तर में बढ़़ोतरी हो रही है।

मधेपुरा से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले के मधेपुरा सदर, ग्वालपाड़ा, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, उदाकिशनगंज, बिहारीगंज समेत ग्यारह प्रखंड के करीब पंद्रह लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के मोहनपुर पंचायत में आज राहत साम्रगी लेने की होड़ में एक युवक की मौत हो गई। जिले में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई। वहीं उदाकिशनगंज प्रखंड के थाराबुधवा गांव में नहर काटने को लेकर ग्रामीणों में बीच संघर्ष में चार लोग घायल हो गए। मधेपुरा समाहरणालय समेत अन्य मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट पानी तक पानी जमा है।

पूर्णिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण धमदाहा-पूर्णिया पथ पर अवस्थित लिबरी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे इस पुल के धवस्त होने का खतरा पैदा हो गया है। मधेपुरा से लगे जिले के पश्चिमी भाग में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है जिसके कारण रूपौली, भवानीपुर, बड़हरा, धमदाहा प्रखंड के 35 से अधिक गांव चपेट में आ गए हैं। वहीं बनमनखी अनुमंडल के पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

कटिहार से रिपोर्ट के अनुसार नेपाल क्षेत्र से कोसी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने और टूटे हुए कोसी तटबंध के दरार के करीब तीन किलोमीटर तक बढ़ जाने के कारण जिले में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाके में बाढ़ आने की संभावना बन गई है। जिलाधिकारी देवोत्ताम वर्मा ने बताया कि कुरसेला, बरारी, समेली तथा फलका प्रखंड क्षेत्र में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाकों के गांव के लोगों को बाढ़ आने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर ऊंची एवं सुरक्षित जगह पर चले जाने को कहा गया है।

स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अपने पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से साधारण वर्षा होने की संभावना है।

उधर, राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त प्रत्यय अमृत ने आज यहां बताया कि नेपाल भाग में कुसहा गांव के पास कोसी के पूर्वी तटबंध के दो किलोमीटर लंबाई में टूट जाने से प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। उन्होंने बताया कि इन बाढ पीडि़त इलाकों में फंसे लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने में पिछले छह दिनों से लगे भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

अमृत ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल, सैप के जवान, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस कोर्स और जिला पुलिस के सैकड़ों जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लाखों लोगों को निकाल कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि कोसी नदी द्वारा अपनी धारा बदल लेने से आई बाढ़ में करीब 30 लाख लोग फंसे हुए हैं और इस बाढ़ से उत्पन्न प्रलयंकारी स्थिति से निपटना तथा फंसे हुए लोगों को बाहर निकालना सरकार की प्रथम प्राथमिकता है।

Tuesday, August 26, 2008

सामाजिक नेटवर्किंग का माध्यम बन रही आईटी

सूचना क्षेत्र में क्रांति के बाद आईटी अब सामाजिक नेटवर्किंग का सशक्त माध्यम बन रही है। इसके द्वारा न सिर्फ समाज को तेजी से जोड़ने का काम हो रहा है बल्कि दुनिया की सबसे महाशक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारी उलटफेर हो रहा है। यह कहना है कि विश्व भारती शांति निकेतन कम्प्यूटर सेंटर के पूर्व अध्यक्ष व कार्यक्रम पदाधिकारी एसएन ओझा का। गणित विभाग में सेमिनार में भाग लेने पहुंचे कम्प्यूटर विशेषज्ञ श्री ओझा ने एक बातचीत में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस तकनीक की अहम भूमिका सामने आयी है। माइकल ओबामा के हिलेरी क्लिंटन से आगे निकलने के पीछे इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी में ताजा शोध के तहत वेब-2.0 विधि सामाजिक जुड़ाव की दृष्टि से धमाल मचा रहा है। एक व्यक्ति कम्प्यूटर के जरिये अपने 10 समर्थकों से फिर वह अन्य 10-10 से सम्पर्क बनाकर जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश में भी इसका इस्तेमाल कर विकास योजनाओं को जमीन पर उतारा जा सकता है। जागरूकता अभियान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व आईटी के क्षेत्र में विकास की धारा बही है। राजनीतिक प्रश्रय भी शुरू हो गया है। राजनीतिज्ञ कम्प्यूटर का ज्ञान लेने को इच्छुक दिख रहे हैं। हालांकि, आधारभूत संरचना एवं प्रोजेक्ट नहीं होने से गति तेज नहीं है।

Monday, August 25, 2008

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर


बिहार में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सुपौल, मधेपुरा और अररिया जिलों में स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है तथा राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है वहीं सेना के जवान हेलिकाप्टरों के माध्यम से पीड़ितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं।

मधेपुरा से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण जिले के तेरह में से 11 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिले के मधेपुरा सदर, ग्वालपाडा, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, उदाकिशनगंज, बिहारीगंज, चौसा, आलमनगर, उरैनी और सिहेंश्वर प्रखंड की लगभग 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है। बाढ़ के कारण हजारों एकड़ में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए पूरे जिले में 30 राहत शिविर खोले हैं जहां पीड़ितों को भोजन के साथ अन्य आवश्यक सामान मुहैया कराए जा रहे हैं। इसके अलावा पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 28 नाव भी लगाई गई हैं। हेलिकाप्टरों की सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रतिदिन भोजन के पैकेट गिराए जा रहे है।

रिपोर्ट के अनुसार सहरसा और मधेपुरा को छोड़कर सभी मार्गो पर ट्रेन यातायात बाधित है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 106 और 107 पर कई स्थानों पर पानी आ जाने के कारण आवागमन ठप्प हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को अनिश्चित काल के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। विशेष जिलाधिकारी ए.के. चौधरी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

अररिया से प्राप्त रिपार्ट के अनुसार कोसी नदी में उफान से जिले के भरगमा, नरपतगंज और रानीगंज प्रखंड के करीब 80 गांव प्रभावित हैं और बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। बाढ़ के कारण कई एकड़ में लगी लाखों रुपये मूल्य की फसल नष्ट हो गई है और लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन कर गए है।

राज्य के गन्ना मंत्री नीतीश मिश्रा स्वयं अररिया में रहकर राहत एवं बचाव कार्य की देखरेख कर रहे हैं। इस बीच लापरवाही के आरोप में जिला प्रशासन ने नरपतगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक तिवारी को निलंबित कर दिया है। सिकरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश रंजन को नरपत गंज का अतिरिक्त प्रभाव सौंपा है।

रिपोर्ट के अनुसार भरगामा प्रखंड के सेबरबनी, शंकरपुर, जयनगर, शेखपुरा समेत कअी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सेना और सशस्त्र सीमा बल के जवान प्रभावितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। पीड़ितों की सहायता के लिए भरगामा में पांच और नरपत में दो राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां से पीड़ितों को खाद्यान एवं जरूरी सामानों की आपूर्ति की जा रही है।

बाढ़ से अब तक नौका दुर्घटना तथा अन्य घटनाओं में भागलपुर में छह, मधेपुरा में दस, पूर्णिया में तीन, पश्चिम चंपारण के बगहा में चार और समस्तीपुर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

Saturday, August 23, 2008

बिहारी मेहनत से खाते हैं, भीख से नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोवा के गृहमंत्री के उस बयान की तीखी आलोचना की है जिसमें उन्होंने बिहार के लोंगांे पर तीखी टिप्पणी की थी। नीतिश ने कहां है की बिहार और बिहार के लोंगों के बारे में बोलने से पहले रवि नाईक को मालूम होना चाहिए था कि बिहार के लोग जंहा भी रहते है अपनी मेहनत के बल पर अपना पेट भरते है ना कि भिखारियों की तरह।

बयान वापस ले नाईक नीतीश कुमार ने कहा है कि गोवा के गृहमंत्री के पद पर रहते हुए एक राजनेता को किसी भी राज्य के नागरिकों के बारें में अपमानजनक टिप्पणी करने से बचना चाहिए था , यह एक राजनेता के लिए शोभा नहीं देता है।उन्होंने कहा है कि रवि नाईक के बयान की सभी दलों द्वारा निंदा की जानी चाहिए तथा नाईक को अपने शब्दों को खेद प्रकट करते हुए वापस लेना चाहिए।

क्या है मामलागौरतलब है कि गोवा के गृहमंत्री रवि नाईक ने मंगलवार को गोवा विधानसभा में अपने दिए गए बयान में कहा था की गोवा में अधिकांश भिखारी दूसरे राज्यों के रहते है और पटना से गोवा सीधी ट्रेन चलने से बिहार के भिखारी गोवा पहुंच जाएंगे और यह परेशानी और बढ़ जाएगी।

Thursday, August 21, 2008

नेता दे रहे क़ानून को "कानूनी सलाह"

बिहार के नगर विकाश सह आवास मंत्री भोला सिंह ने पटना हाई कोर्ट पर काफी तीखी टिपण्णी की थी.जिसकी जितनी भी निंदा की जाय कम हैपटना हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा की पटना कचरे के ढेर पर है, और सरकार को जम कर लतारा .ये बात सही है की पटना में जलजमाव के कारण शहर की हालत ख़राब है
जिसे मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी मानते है.बस इसी बात पर मंत्री भोला सिंह आपे से बाहर हो गए.और क़ानून को ही नशीहत देने लगे,और अपने दायरे में रहने को कहाजिसकी कड़ी आलोचना हो रही है.बकौल भोला सिंह ने कोर्ट से पूछा की इतने सारे मुक़दमे क्यों लंबित है? उन पर जल्दी सुनवायी क्यों नही हो रही है? कोर्ट अपना काम देखे और हम अपनानयी सरकार आने के बाद हर जगह निर्माण कार्य चल रहा है.रोड बन रही है,नाले बनाये जा रहे है,जिसके कारण काफी तोड़फोड़ हुआ हैऔर भारी बारिश ने रही सही कसर पुरी कर दी.जिससे पुरा पटना कचडे के ढेर जैसा हो गया है.लेकिन ऐसा भी नही है की सरकार कुछ कर भी नही रही?नीतिश कुमार का कहना है की इस साल भर कस्ट है,अगले साल से ऐसा नही होगा.मुख्यमंत्री ने भी मंत्री की टिपण्णी को गैर वाजिब बताया और इसकी निंदा कीमंत्री महोदय को अपनी सीमा नही भूलनी चाहियेक्योंकि नेताओं की तो नैतिकता हामारे देश में ख़तम हो गयी हैऔर कहीं अगर सच और नैतिकता बाकी है तो वो क़ानून में ही है

Sunday, June 1, 2008

बिहार के नेता कर रहे पहलवानी

नीतिश सरकार के एक मंत्री और विधायक के बीच एक समारोह के दौरान मार पीट हो गयी । ये झगरा जमुई जिले के सोनो ब्लाक मे पुल के शिलान्यास के दौरान हुई । मामला स्थानीय वर्चश्व का था । मंत्री नरेंदर सिंह इसी जिले के निवासी है,और विधायक फाल्गुनी यादव भी स्थानीय है. इस मामले को लेकर नीतिश सरकार की काफी किरकिरी हो रही है.
विपक्ष को जैसे एक लालिपोप मुद्दा मिलगाया है।दरशल इन नेताओं को विकाश और जनता की कोई परवाह नही है।
नरेंदर सिंह बराबर किसी ना किसी विवादों मे घिरे रहते है .यहाँ भी जातिवाद मुख्य समस्या का ज़र है । कुछ नेता लोग अभी भी पुरानी लालू की सरकार वाली मानसिकता से ग्रस्त है .जो नए बिहार के निर्माण मे बाधक है । जिस तरह नीतिश २४ घंटे काम कर रहे है ,उन नेताओं को उनसे सबक लेना चाहिए । बिहार नए करवट ले रहा है। लेकिन इन नेताओं को विकसित बिहार बनाने से कोल मतलब नही है.आज जहाँ राज्य मे हर जगह रोड बन रहे है,अस्पतालों मे डॉक्टर मिल रहे है ,मुफ्त दवाएयाँ मिल रही है। किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिल रहे है।
लगभग हर दिशा मे सरकार अच्छा काम कर रही है। नया बिहार आकार ले रहा है ।लेकिन इन नेताओं की वज़ह से कुछ न कुछ नकारात्मक प्रवाभ सरकार पर, पर रहा है।जनता इनको अगले चुनाव मे सबक जरूर सिखायेगी ।

Thursday, May 1, 2008

कलयुगी गुरु-शिष्य परंपरा की एक और घिनौनी मिसाल

इसे कलयुगी गुरु-शिष्य परंपरा की एक और घिनौनी मिसाल माना जाएगा। झारखंड के शहर धनबाद में टीचर-स्टूडेंट के पाक रिश्ते के दामन पर एक और दाग लगा है। धनबाद के स्कूल में स्टूडेंट के तकरीबन 45 रुपये गायब हो जाने के बाद टीचरों ने 16 लड़कियों के कपड़े उतरवा लिए।

धनबाद के स्कूल में हुई इस सनसनीखेज वारदात में महज चंद रुपयों के गायब होने पर स्कूल के टीचरों ने लड़कियों को बेआबरू कर डाला। लड़कियां चीखतीं और चिल्लातीं रहीं, लेकिन कलयुगी टीचर छात्राओं के दर्द से बेअसर रहे। धनबाद के सीनियर पुलिस अफसर रतन कुमार के मुताबिक एक लड़की के करीब 45 रुपये गायब हो जाने पर टीचरों ने करीब 16 लड़कियों को एक कमरे में बारी-बारी से बुलाकर उनके पूरे कपड़े उतारकर तलाशी ली।

पुलिस के मुताबिक गर्ल स्टूडेंट्स को इस तरह से कपड़े उतारकर तलाशी देने के लिए मजबूर करना बिल्कुल गलत है। दूसरी ओर, घटना के बाद लोकल लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। मामले की भनक लगते ही मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने स्कूल के सामने प्रदर्शन किया और स्कूल के स्टूडेंटों ने दोषी टीचरों पर कार्रवाई की मांग करते हुए क्लास का बायकॉट करने का फैसला किया है।

हंगामे के बाद स्कूल के प्रिंसिपल समेत कई टीचर छुट्टी पर चले गए हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि देश में छात्रों को शारीरिक सजा दिए जाने पर पाबंदी है, लेकिन यह ज्यादातर स्कूलों में बेहद आम है। पिछले साल दिल्ली में होमवर्क न करने की सजा के तौर पर एक सात साल की बच्ची को टीचर ने बेंच पर बिना कपड़ों के खड़ा कर दिया था। 2007 में हुई एक स्टडी भी देश में मासूमों पर हो रहे जुर्म की तस्दीक करती है। इस स्टडी के मुताबिक भारत में दो-तिहाई बच्चे घर या स्कूल में शारीरिक ज्यादती के शिकार हैं।

Tuesday, April 29, 2008

बिहार के मंत्री बिस्वाश का गला घोट रहे

बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जब से मंत्रिमंडल मे फेरबदल किया है ,तब् से जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई है वो लोग आपा खोबैठे है.और नीतिश पर ही हमला किए जा रहे हैं जो कहीं से तर्क संगत नही है. ये वो लोग है जो अभी भी बिहार की पुरानी सरकार के मानसिकता से ग्रस्त हैं। पल भर मे ही ये भूल गए की कितनी कुर्बानी और मेहनत की वज़ह से उनकी सरकार बनी है . लोगों ने बरे ही विश्वास के साथ नीतिश सरकार को जनाधार दिया था. और लोगों के विश्वास पर सरकार खरी भी उतर रही है. बिहार मे बरे पैमाने पर विकाश कार्य चल रहे है। लेकिन मंत्रियों के आचरण से सरकार की जनता के बीच किरकिरी हो रही है.मोनाजिर हसन जैसे लोगों से पूछा जाना चाहिए की उनकी ,पिछली पृष्ट भूमि क्या रही है। नेता अपने स्वार्थ की खातिर जन भावनाओं का अनादर कर रहे हैं.जिश विकाश और समृधि का सपना सरकार के मुखिया ने देखा था, उस पर ये पलीता लगाने पर तुले है।अगले चुनाव मे अभी ढाई साल बचे हैं.लेकिन ये कौन सा मुंह लेकर जनता के पास जायेंगे.असल मे इनलोगों को राज्य के विकाश की चिंता नही है। ये बस अपना विकाश चाहते है।अगर इसी तरह ये सब चलता रहा तो राज्य के विकाश का सपना जो लोगों ने देखा है, वो सपना ही ना रह जाय

Wednesday, April 23, 2008

मेरी लाश पर होगा बिहार का बंटवारा



बिहार से झारखण्ड को अलग हुए लगभग ८ साल होने को है.लेकिन जिस उद्दयेश और मकसद से झारखण्ड बना वो मकसद कामयाब होता नज़र नही आता. झारखण्ड के साथ -साथ ,छ्तीश्गढ़ और उत्तरांचल भी अलग हुए थे .लेकिन किसी राज्य मे स्थिरता कायम नही हो पा रही है। राज्य बटवारे का फार्मूला बिल्कुल फ़ेल हो चुका है। बिहार मे जब राज्य बटवारे की बात चल रही थी ,उस समय बिहार मे लालू की सरकार थी .जो बटवारे के खिलाफ मानी जाती थी.ख़ुद लालू भी इसे बीजेपी की साजिश करार देते थे.आप को याद होगा एक आम सभा मे लालू ने गाँधी मैदान मे भीर के सामने ये एलान किया था , की मेरी लाश पर बिहार का बटवारा होगा.इस घोषणा के कुछ ही दिनों बाद बिहार का बटवारा होगया. ये तो सभी जानते है ,की नेताओं की फितरत रही है अपने बयान से पलट जाना ,लेकिन पब्लिक की स्मरण शक्ति इतनी कमज़ोर नही होती है, की संवेदनशील बातों को भूल जाय .लेकिन उस समय का गणित शायद लालू को पता चल गया .क्योंकि एंटी लालू लहर दक्षिण बिहार से उत्तर के मैदानी इलाके की तरफ़ बढ़ता जा रहा था.इस का उदाहरण नीतिश कुमार की ७ दिनों की सरकार थी.दरसल मे बटवारे से पूर्व बिहार का आर्थिक और सामाजिक ढांचा परस्पर उत्तर और दक्षिण बिहार मे बटा था.उत्तर बिहार की अपेक्षा दक्षिण बिहार आर्थिक और सामाजिक रूप से ज्यादा बिकसित था। उत्तर मे सोना उगलने वाली ज़मीन थी तो,दक्षिण मे प्रचुर मात्रा मे खनिज पदार्थ .पूरे देश मे बिहार ही अकेला ऐसा राज्य था जिसमे हर प्रकार के साधन उपलब्ध थे.भूगोलिक रूप ऐसा किसी राज्य मे नही था.जैसे की उत्तर मे खेती लायक जमीन और दक्षिण मे खनिज और कल कारखाने .दक्षिण बिहार मूल रूप से आदिवासियों का इलाका था.वहाँ भी समस्याए थी, लेकिन इसका हल बटवारा नही था.बटवारा होने से दोनों राज्यों को क्षति हुई है .एक को खेती लायक जमीन से हाथ धोना परा, और एक को उद्योग और खनिजों से.आदिवासियों के लिए अलग प्रदेश का गठन किया गया था. लेकिन आज और अभी भी वो हासिये पर है .झारखण्ड मे स्वार्थी नेताओं की वज़ह से सरकार का कोई वजूद नही रह गया है.मैं पिछले दो साल जमशेदपुर मे रहा ,वहाँ के लोगो से बातचीत के क्रम मे मैंने इस मुद्दे पे लोगो का नजरिया लिया ,उनके चेहरे पे निराशा के बादल नज़र आए.यहाँ तक तो उनलोगों ने कहा की इससे अच्छे तो अविभाजित बिहार मे थे ,कम से कम टिकाऊ सरकार तो थी .नेता इस तरह भ्रष्टाचार मे तो ना डूबे थे .आज मधु कोरा की सरकार हमेशा अपनी सरकार बचाने के चक्कर मे रहती है.वो पब्लिक को क्या देखेगी। सारे विकाश कार्य बंद परे है.राज्य के २४ जिले मे २२ जिले नक्सल प्रभाबित है.जो बिहार से उन्हें उपहार सरीखे हासिल हुए है.वही हाल बिहार का भी है,बटवारे के बाद सारे उद्योग धंधे झारखण्ड चले गए ,बिहार उद्योग बिहीन हो गया.इस बटवारे से जनता को कुछ हासिल नही हुआ, सिबाए दुखो और तकलीफों के .नेताओं की चांदी जरूर हो गयी .

Saturday, April 19, 2008

क्रिकेट की मर्यादा से खिलवार


आखिरकार जिस क्रिकेट के नए बाजारीकरण स्वरुप का इंतज़ार लोगों को था, १८ अप्रैल से शुरू हो गया .क्रिकेट का जिसतरह से मार्केटिंग किया जा रहा है,ऐसे मी वह दिन दूर नही जब इस महान खेल की प्रतिष्ठा ,लोकप्रियेता धूमिल हो जायेगी .आज जिस प्रकार क्रिकेट के नाम पर मीडिया ,फिल्मी दुनिया और राजनितिक गठबंधन बना है उस से तो यही लगता है की सभी लोग इसका लाभ उठाना चाहते है. सबसे बरी बात तो ये है की ,जिसदेश के किसान खुदकुशी कर रहे है ,वही हमारे कृसी मंत्री शरद पवार ipl के उद्घाटन का जश्न मना रहे है. और सबसे हास्यास्पद बात ये है ,की क्रिकेट खेलने वाले देशो मे सभी के क्रिकेट बोर्ड सरकार के नियंत्रण मे है ,लेकिन लोकतांत्रिक कहलाने वाले हमारे देश का क्रिकेट बोर्ड पुरी तरह से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे तब्दील है .इस बोर्ड के क्या संविधान है इसका खुलासा कभी नही हुआ .इस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट भी टिपण्णी कर चुका है .आज कोई बता सकता है ,की बीसीसीआई की अभी तक वेबसाइट भी नही है.क्या कसूर है उन खिलारिओं का जो बिहार जैसे राज्यों से कभी चुने नही जाते.झारखण्ड जो की बिहार से अलग हुआ राज्य है,उससे धोनी कैसे राष्ट्रिय टीम मे पहुँच जाते है .बीसीसीआई की दोगली नीति के कारण कितने प्रतिभा शाली खिलारिओं का कैरिएर बरबाद हो गया अब तो आने वाले दिनों मे क्रिकेट का भगवान ही मालिक है.इस ipl का भूत इस महान खेल को बर्बादी के अंधेरे मे ले जायगा .फिल्मी हस्तियों का काम सिर्फ़ पैसा कमाना है,नकि इस खेल को बढावा देना .वो दिन दूर नही की इस ipl के भूत के कारण दुनिया भर मे क्रिकेट की लोकप्रियता मे कमी होगी .इस ipl का मकसद सिर्फ़ पैसा और पैसा है.शुरुआत होचुकी है ,बोली भी लग चुकी है .खिलाड़ी रोबोट ली तरह ख़रीदे भी जा चुके है .upa गवर्मेंट के गठबंधन की तरह .राजनितिक, फिल्मी, मीडिया , और कार्पोरेट जगत की माफियागिरी।

Monday, April 14, 2008

आम आदमी की कार


दोस्तों ,

आप तो जानते है की पिछले ऑटो एक्सपो मे टाटा की लख्ताकिया कार को प्रदर्शित किया गया ।

ये लगभग वैसा ही सपना था जो ,हम आम भारतीय देखते थे .अब ये सपना नही रह गया ,बल्कि हकीकत के आईने जैसा हम सब के सामने आ रहा है .बस सेप्टेम्बर तक का इंतजार है.जब आम भारतीय के पास अपनी कार होगी .कोई सोच भी नही सकता की 1 लाख रुपये मे कार मिलेगी .हर आम मध्यम वर्ग के सपनो की कार का आना भारतीय इतिहास मे स्वर्नाक्षारो मे लिखा जाएगा .हमने दिखा दिया की हमारी देसी कंपनी विश्व की सबसे सस्ती कार बना सकती है.इस कदम के लिए टाटा का स्वागत है .

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