Tuesday, August 26, 2008
सामाजिक नेटवर्किंग का माध्यम बन रही आईटी
सूचना क्षेत्र में क्रांति के बाद आईटी अब सामाजिक नेटवर्किंग का सशक्त माध्यम बन रही है। इसके द्वारा न सिर्फ समाज को तेजी से जोड़ने का काम हो रहा है बल्कि दुनिया की सबसे महाशक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारी उलटफेर हो रहा है। यह कहना है कि विश्व भारती शांति निकेतन कम्प्यूटर सेंटर के पूर्व अध्यक्ष व कार्यक्रम पदाधिकारी एसएन ओझा का। गणित विभाग में सेमिनार में भाग लेने पहुंचे कम्प्यूटर विशेषज्ञ श्री ओझा ने एक बातचीत में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस तकनीक की अहम भूमिका सामने आयी है। माइकल ओबामा के हिलेरी क्लिंटन से आगे निकलने के पीछे इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी में ताजा शोध के तहत वेब-2.0 विधि सामाजिक जुड़ाव की दृष्टि से धमाल मचा रहा है। एक व्यक्ति कम्प्यूटर के जरिये अपने 10 समर्थकों से फिर वह अन्य 10-10 से सम्पर्क बनाकर जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश में भी इसका इस्तेमाल कर विकास योजनाओं को जमीन पर उतारा जा सकता है। जागरूकता अभियान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व आईटी के क्षेत्र में विकास की धारा बही है। राजनीतिक प्रश्रय भी शुरू हो गया है। राजनीतिज्ञ कम्प्यूटर का ज्ञान लेने को इच्छुक दिख रहे हैं। हालांकि, आधारभूत संरचना एवं प्रोजेक्ट नहीं होने से गति तेज नहीं है।
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