Wednesday, August 27, 2008

बिहार में बाढ़ से लाखों लोग बेघर, 48 मरे

पटना/पूर्णिया/सहरसा/मधेपुरा/ कटिहार/समस्तीपुर। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण कोसी नदी के और उग्र रूप धारण कर लेने के कारण बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति अत्यंत भयावह हो गई है और सैकड़ों गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। बाढ़ के इस प्रकोप के चलते तीस लाख लोग बेघर हो गए हैं। वहीं राज्य में बाढ़ से हुई तबाही में आधिकारिक तौर पर अब तक 48 लोग मारे जा चुके हैं और कई लापता हैं।

इस बीच केंद्र ने बिहार में बाढ़ के भीषण कहर की स्थिति से निपटने के लिए तत्काल राहत के रूप में 50 लाख क्विंटल गेंहू और 50 लाख क्विंटल चावल भेजने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी वीरवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाएंगे।

राज्य के उत्तरी हिस्से में कोसी और बूढी गंडक सहित सभी प्रमुख नदियों में उफान के कारण पिछले एक सप्ताह से बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। कोसी नदी रौद्र रूप धारण कर पश्चिम से पूर्व की ओर 120 किलोमीटर खिसक गई है। यह 13 किलोमीटर की चौड़ाई में लगभग 100 किलोमीटर तक तेज गति से तबाही मचाते हुए बह रही है। इस क्षेत्र के 417 गांव के करीब 40 लाख लोग इस भयानक आपदा की चपेट में हैं।

इसके अलावा गंगा एवं गंडक नदियों के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि के चलते उत्तार बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है और लाखों की आबादी इसकी चपेट में है। सेना के तीन हेलीकाप्टरों की सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रतिदिन भोजन के पैकेट समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं को गिराया जा रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना की सौ जवानों वाली एक टुकड़ी दस मोटरबोट के साथ मधेपुरा के लिए रवाना हो गई है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार राज्य की पांच प्रमुख नदी कोसी, गंगा, पुनपुन, घाघरा और बूढी गंडक खतरे के लाल निशान से ऊपर है। इसके अलावा बागमती, महानंदा और कुछ अन्य नदियों के जलस्तर में कल तक वृद्धि होने की संभावना है। आयोग के अनुसार गंगा पटना के गांधी घाट में 60, हाथीदह में 61, कहलगांव में 84, साहेबगंज में 127 और फरक्का में 123, पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में 68, घाघरा दरौली में 16, गंगपुर सिसवन में 70, बूढी गंडक खगडिया में 117 और कोसी नदी कुरसेला में खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर है।

राज्य में बाढ़ से अब तक नौका दुर्घटना एवं अन्य घटनाओं में सुपौल में नौ, मधेपुरा में 23, भागलपुर में छह, पश्चिम चंपारण के बगहा में चार, पूर्णिया और समस्तीपुर में तीन-तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी में उफान के कारण जिले के नौ प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जिले के प्रतापगंज, वंसतपुर, छातापुर, वेनीगंज, राघोपुर समेत नौ प्रखंड के 91 पंचायतों के 294 गांव प्रभावित है। जिले की करीब साढे़ नौ लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच सुपौल के जिलाधिकारी एन सरवन कुमार ने आज कहा कि नेपाल प्रभाग में जारी वर्षा के कारण कोसी के जलस्तर में बढ़़ोतरी हो रही है।

मधेपुरा से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले के मधेपुरा सदर, ग्वालपाड़ा, कुमारखंड, शंकरपुर, मुरलीगंज, उदाकिशनगंज, बिहारीगंज समेत ग्यारह प्रखंड के करीब पंद्रह लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के मोहनपुर पंचायत में आज राहत साम्रगी लेने की होड़ में एक युवक की मौत हो गई। जिले में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई। वहीं उदाकिशनगंज प्रखंड के थाराबुधवा गांव में नहर काटने को लेकर ग्रामीणों में बीच संघर्ष में चार लोग घायल हो गए। मधेपुरा समाहरणालय समेत अन्य मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट पानी तक पानी जमा है।

पूर्णिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण धमदाहा-पूर्णिया पथ पर अवस्थित लिबरी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे इस पुल के धवस्त होने का खतरा पैदा हो गया है। मधेपुरा से लगे जिले के पश्चिमी भाग में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है जिसके कारण रूपौली, भवानीपुर, बड़हरा, धमदाहा प्रखंड के 35 से अधिक गांव चपेट में आ गए हैं। वहीं बनमनखी अनुमंडल के पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

कटिहार से रिपोर्ट के अनुसार नेपाल क्षेत्र से कोसी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने और टूटे हुए कोसी तटबंध के दरार के करीब तीन किलोमीटर तक बढ़ जाने के कारण जिले में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाके में बाढ़ आने की संभावना बन गई है। जिलाधिकारी देवोत्ताम वर्मा ने बताया कि कुरसेला, बरारी, समेली तथा फलका प्रखंड क्षेत्र में कोसी नदी के किनारे वाले निचले इलाकों के गांव के लोगों को बाढ़ आने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर ऊंची एवं सुरक्षित जगह पर चले जाने को कहा गया है।

स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अपने पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से साधारण वर्षा होने की संभावना है।

उधर, राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त प्रत्यय अमृत ने आज यहां बताया कि नेपाल भाग में कुसहा गांव के पास कोसी के पूर्वी तटबंध के दो किलोमीटर लंबाई में टूट जाने से प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ का प्रकोप जारी है। उन्होंने बताया कि इन बाढ पीडि़त इलाकों में फंसे लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने में पिछले छह दिनों से लगे भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

अमृत ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल, सैप के जवान, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस कोर्स और जिला पुलिस के सैकड़ों जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लाखों लोगों को निकाल कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि कोसी नदी द्वारा अपनी धारा बदल लेने से आई बाढ़ में करीब 30 लाख लोग फंसे हुए हैं और इस बाढ़ से उत्पन्न प्रलयंकारी स्थिति से निपटना तथा फंसे हुए लोगों को बाहर निकालना सरकार की प्रथम प्राथमिकता है।

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